विश्व डाक दिवस हर साल 9 अक्टूबर को दुनिया भर में मनाया जाता है. इस दिन का मकसद लोगों और बिजनेस के लिए हर दिन काम आने वाले डाक विभाग की भूमिका के प्रति लोगों को जागरूक करना और सेलिब्रेट करना है। यह दिन वैश्विक सामाजिक और आर्थिक विकास में डाक (Post) के योगदान को बढ़ावा देने के लिए भी मनाया जाता है। पोस्ट दुनिया का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक नेटवर्क है। हर साल 150 से अधिक देश विभिन्न तरीकों से विश्व डाक दिवस मनाते हैं. कुछ देशों में, विश्व डाक दिवस को अवकाश के रूप में मनाया जाता है।
विश्व डाक दिवस 2022 की थीम ‘पोस्ट फॉर प्लेनेट’ है।
09 अक्टूबर को ही क्यों मनाया जाता है विश्व डाक दिवस?
विश्व डाक दिवस (World Post Day) यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की स्थापना की तारीख को मनाने के लिए भी मनाया जाता है. यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) की शुरुआत 09 अक्टूबर 1874 में स्विट्जरलैंड में हुई थी। पहली बार कब मनाया गया था वर्ल्ड पोस्ट डे? यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की स्थापना की तारीख के दिन जापान के टोक्यो में 09 अक्टूबर 1969 को विश्व डाक दिवस मनाया गया था। विश्व स्तर पर, इस दिन को डाक सेवाओं के महत्व को उजागर करने के लिए मनाया जाता है। भारतीय डाक से जुड़ी जरूरी बातें- भारत में पहला डाकघर ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा 1774 में कोलकाता में स्थापित किया गया था। डाकघर ने प्रति 100 मील पर दो आने का शुल्क लिया था। कोलकाता में लैंडमार्क जनरल पोस्ट ऑफिस 1864 में बनाया गया था। भारत में मनी ऑर्डर सिस्टम 1880 में शुरू हो गया था। भारत में स्पीड पोस्ट 1986 में शुरू हुआ था। दुनिया की पहली आधिकारिक एयरमेल उड़ान 18 फरवरी, 1911 को भारत में हुई थी। स्वतंत्र भारत में, पहला आधिकारिक डाक टिकट 21 नवंबर, 1947 को जारी किया गया था। नए डाक टिकट में देशभक्तों के नारे ‘जय हिंद’ के साथ भारतीय ध्वज को दर्शाया गया था। आजादी के समय भारत भर में 23,344 पोस्ट ऑफिस थे। भारत आज विश्व का सबसे बड़ा पोस्टल नेटवर्क है। डिजिटलाइजेशन के दौर में लोगों में ऑनलाइन पोस्टल लेन-देन पर भी भरोसा बढ़ा है।
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